नहीं छीनेंगी रोटियां। नहीं छीनेंगी रोटियां।
दी हुई आवाज की गूँज, जो आज लौट आई है। दी हुई आवाज की गूँज, जो आज लौट आई है।
झुक मत तेरी मंज़िल है तेरे हाथों में तू रुक मत तू झुक मत। झुक मत तेरी मंज़िल है तेरे हाथों में तू रुक मत तू झुक मत।
यूं ही ज़िन्दगी का नशा चखले जीने के लिए। यूं ही ज़िन्दगी का नशा चखले जीने के लिए।
न जाने क्यूं ,बेज़ुबान घुँघरू की बोली हमें कुछ जता रही थी। न जाने क्यूं ,बेज़ुबान घुँघरू की बोली हमें कुछ जता रही थी।
नदिया के बीच तुम्हारी बहनों के बड़े-बड़े मगरमच्छों के परिवार है! नदिया के बीच तुम्हारी बहनों के बड़े-बड़े मगरमच्छों के परिवार है!